Menu
blogid : 5061 postid : 1319477

ये हारे लोग शांत नहीं बैठेंगे

एक विश्वास
एक विश्वास
  • 149 Posts
  • 41 Comments

बरेली में मुसलमान विरोधी पोस्टर लगे हैं जिसपर बहस चल रही है कि यह कुकृत्य करनेवाले कौन हैं? पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। यहाँ पर यह कहना गलत नहीं होगा कि यह आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहा तो स्थिति भयंकर रूप ही लेगी अतः सभी को मिल जुलकर समस्या का कारण जानना चाहिए और उचित कार्यवाही करनी चाहिए। परन्तु मुझे नहीं लगता है कि ऐसा होने वाला है। अभी तो सूबे के सूबेदार अखिलेश ही हैं जिनकी पुलिस गायब भैंस भी ढूंढ लेती है फिर वो क्या पोस्टर लगाने वालों को नहीं ढूंढ पाएगी। अगर अखिलेश ने सही आदेश नहीं दिए या पुलिस नाकाम है तो भी जिम्मेदारी आज की सरकार की ही है। यहाँ कोई भी आरोप लगा सकता है कि आनेवाली सरकार को बदनाम करने के लिए जानेवाली सरकार यह सब करवा रही है जिसका प्रमाण यह है कि सारे विभाग अपने कुकर्मों की फाइलें फाड़ने व ठिकाने लगाने में लगे हैं।
पोस्टर लगाना मेरी पुरानी आशंका को बलवती बना रहा है कि सपा बसपा व काँग्रेस अपनी हार पचा नहीं पाएँगे और प्रदेश दंगों की चपेट में आ सकता है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आजम जैसे लोग यह कुकृत्य शुरू कर चुके हैं और अब सोम और अन्य के कूदने की बारी है।
जिस दिन ये अन्य लोग इस दंगल का हिस्सा बने वह दिन प्रदेश के लिए बहुत ही बुरा होगा। चुनाव के दौरान तो इसके संकेत भी मिल चुके हैं। सैफुल्ला का एनकाउंटर फिर उसके पिता व मुहल्ले वालों को आमिर रशादी मदनी द्वारा भड़काया जाना और अब आजम का कहना कि मुसलमानों के लिए बीजेपी की जीत खतरनाक है यह सब यही संकेत दे रहे हैं कि यूपी की फिज़ा कुछ ठीक रहनेवाली नहीं है। मुसलमानों को भड़काया गया तो वो दंगाईयों बनेंगे फिर उनकी मुठभेड़ होगी जिसमें निरपराध हिंदू मुसलमान ही मरेंगे। नेता रोटी सेंकेगे और हम खामियाजा भुगतेंगे।
मुसलमान मोदी को पसंद नहीं करता है इसलिए ये तुरंत बहकावे में आ जाता है। चाहे नोटबंदी रही हो या तीन तलाक की बात या आरक्षण या फिर समान नागरिक कानून हर मुद्दे पर विपक्ष ने मुसलमानों को भड़काया और उनका साथ पाया। इसी बात का फायदा हमेशा से हमारे राजनीतिज्ञ उठाते आए हैं और आज भी उठाना चाह रहे हैं। अब समय बदल चुका है और हिंदू लोगों में भी एक वर्ग असहिष्णु बन गया है।
मुझे यही डर है कि हिंदुओं का, जो असहिष्णु वर्ग है वो उन मुस्लिमों का जो उपद्रवी स्वभाव के हैं, मुकाबला करने को तैयार है। जो राष्ट्रवादी मुसलमान हैं वो अपने कौम के उपद्रवियों को नहीं समझा पाते हैं और अब स्वभाव से शांत हिंदू भी अपने उपद्रव करने वालों का मुकाबला करने वालों को नहीं समझा पाते हैं। यही वो कारण है कि हमारा भाईचारा समाप्ति की ओर है। सब बिना खुद को जाने बदले की भावना के वशीभूत हो चुके हैं।
आज जो यह समस्या पैदा हुई है इसके लिए जिम्मेदार माया मुलायम लालू ममता नितीश आदि वो लोग हैं जिन्होंने ने हर सही गलत को भूल कर वोट के लिए राजनीति की। इनकी इसी राजनीति ने धर्म व जाति की खाईं को और गहरा किया और दंगों अपराधों की विषबेल को पनपने दिया। साक्षी व योगी जैसे लोग इसी राजनीति कि देन हैं। ये सभी भड़काऊ बयान दे कर आग लगवाते हैं परन्तु मैं समझता हूँ कि अगर आजम को भारतमाता डायन है कहने पर जेल भेजा गया होता या उसके मुस्लिम राज्य की माँग पर उसका वहिष्कार हुआ होता या ओवैसी के यह कहने पर कि पुलिस हटा लो तो देखता हूँ हिंदुओं को उसे सजा मिली होती तो शायद ही योगी या संगीत सोम की यह सोच बनती और वो गलत बयानबाजी भी न करते।
इतना सब होने के बावजूद हमारे सत्ता के भूखे जाति धर्म की राजनीति करनेवाले गंदे नेता सुधरे नहीं हैं बल्कि वो हार न पचा पाने के कारण और कुचक्र करने में लग गए हैं।
यह शुभ संकेत नहीं है।

Read Comments

    Post a comment